Naukri Ki Samasya Ke Upay

मुख्य कारण :- नौकरी मिलने में देरी होना, बार बार नौकरी छूट जाना, कार्यस्थल पर सहयोगी या उच्च अधिकारी से अनबन रहना, नौकरी में मन न लगना या फिर मनवांछित नौकरी का ना मिलना

Naukri Ki Samasya Ke Upay
Naukri Ki Samasya Ke Upay

उपाय संख्या 1:-

यह उपाय आपको 7 मंगलवार करना होगा।

प्रभु का मनन करें, अवं कार्यसिद्धि भावना से संकल्प ले।

शुक्ल पक्ष के मंगलवर से आपको यह (Naukri Ki Samasya Ke Upay) नौकरी की समस्या का उपाय शुरू करना है। बरगद के 7 पत्ते लेने हैं, उन पर, लाल चंदन या रोली से चंदन की लकड़ी से राम लिखें। अगर चंदन की लकड़ी ना उपलब्ध हो तो रोली घोलकर अंगुली से पत्ते पर राम का नाम लिख ले। फिर उन पत्ते को लाल कलावे से बांधकर एक माला बना ले। इस माला को हनुमान जो को पहना दे। यह उपाय 7 मंगलवार तक शाम को आपको करना है। हनुमान जी को घी का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और साथ में गुड और चने का भोग लगाएं।

कृपया ध्यान दें:-

  • इन दिनों पूर्ण सात्विकता का पालन करें, तामसिक भोजन पदार्थो का सेवन वर्जित है। पूजा के समय स्वच्छ वस्त्र ग्रहण करें।
  • हनुमान जी की किसी भी पूजा से पहले “जय सिया राम” या “जय श्री राम” का नाम लेना निश्चित रूप से अनिवार्य माना गया है। क्या प्रकार पूजा पाठ करने से कार्यसिद्धि की प्रबल संभावना होती है

पूर्ण श्रद्धा भाव से 7 मंगलवर की गई पूजा निश्चित रूप से फलदायिनी होगी।

उपाय संख्या 2:-

यह उपाय आपको 11 मंगलवर या 11 शनिवार करने है। ज्ञात रहे ये दिन शुक्ल पक्ष से शुरू होने चाहिए।

प्रभु का मनन करें, अवं कार्यसिद्धि भावना से संकल्प ले।

संध्या काल में एक निश्चित समय पर मंदिर जाकार सुंदर कांड का 1 बार पाठ करें।
सरसों का दिया जलाये। दिए में 2 लौंग डाल कर हनुमान जी की आरती करें।
अगर किसी कारण से आप मंदिर जाने में अस्मर्थ है या आपके घर के पास कोई मंदिर नहीं है, उस स्थिति में आप घर के मंदिर में ही हनुमान जी की आराधना कर सकते हैं। संपूर्ण 11 मंगलवार या शनिवार की पूजा एक ही स्थान पर और निश्चित समय पर होना अनिवार्य है।
पूर्ण श्रद्धा भाव से पाठ के बाद पूजा करें और बेसन के लड्डू या किसी अन्य पीली मिठाई से भोग लगाएं और अपनी मनोकामना उनसे कहें।

शनिवार को जलेबी किसी कुत्ते को खिलाएं। (प्रयास करे की कुत्ता काला या भूरे Black or Brown रंग का हो)

कृपया ध्यान दें:-

  • इन दिनों पूर्ण सात्विकता का पालन करें, तामसिक भोजन पदार्थो का सेवन वर्जित है। पूजा के समय स्वच्छ वस्त्र ग्रहण करें।
  • हनुमान जी की किसी भी पूजा से पहले “जय सिया राम” या “जय श्री राम” का नाम लेना निश्चित रूप से अनिवार्य माना गया है। क्या प्रकार पूजा पाठ करने से कार्यसिद्धि की प्रबल संभावना होती है

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