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Maha Shivratri
Maha Shivratri Ke Upay महा शिवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह त्योहार आमतौर पर फाल्गुन (फरवरी/मार्च) के हिंदू महीने के 13वें या 14वें दिन मनाया जाता है और इसे भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। “महा” शब्द का अर्थ है “महान” और “शिवरात्रि” का अर्थ है “शिव की रात”, इसलिए महा शिवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है “शिव की महान रात।”
इस पर्व को भक्ति और पूर्ण उत्साह से मनया जाता है, जिसमें कई लोग उपवास रखते हैं, विशेष पूजा समारोह करते हैं, मंत्र पढ़ते हैं, और भगवान शिव को प्रार्थना करते हैं। कुछ लोग भक्ति के रूप में महा शिवरात्रि पर पूरी रात जागते रहते हैं और धर्मग्रंथ शिव पुराण का पाठ सुनते हैं।
महा शिवरात्रि एक हिंदू पर्व है। यह हिंदू संस्कृति में सबसे शक्तिशाली पर्वों में से एक है।इस दिन कुछ विशेष उपाय करके आप मनवांछित फल का लाभ उठा सकते हैं।
यहां आपको कुछ विशेष उपाय सुझाव जा रहे हैं-
Maha Shivratri Ke Upay
- शिवपुराण के अनुसार घर में सुख शांति के लिए जल में जौ के दाने मिला कर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से पिता भी प्रसन्न होते हैं तथा उनका आशीर्वाद भी मिलता है।
- शिवरात्रि में शिवलिंग पर जल में काला तिल मिलाकर चढ़ाने से शनि ग्रह के दुष्प्रभा से निजात मिलती है तथा जीवन में आ रही आर्थिक समस्या दूर हो जाति है।
- शिवरात्रि में असाध्य रोगो को दूर करने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करते हुए अभिषेक करें, जिससे व्यक्ति को शारीरिक तकलीफ से मुक्ति मिलती है और सुख की प्राप्ति होती है।
- इस बार वर्ष 2023 में महाशिरात्रि के साथ-साथ शनि प्रदोष व्रत भी है। शनि प्रदोष व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। शनि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होकर पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं।
शिव मंत्र
शिवरात्रि के दौरान ये मंत्र का जाप करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं तथा मनोकामना पूर्ण होती है-
शिव गायत्री मंत्र
“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात”
महा मृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
शिव रात्रि में चार प्रहर के मंत्र
- ॐ ह्रीं ईशानाय नम:
- ॐ ह्रीं अधोराय नम:
- ॐ ह्रीं वामदेवाय नम:
- ॐ ह्रीं सद्योजाताय नम:
शिवजी के लघु मंत्र
- ॐ जूं सः
- ॐ हौं जूं सः
- ॐ पार्वतीपतये नमः