मकर संक्रांति | Makar Sankranti

Makar Sankranti
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Makar Sankranti मकर संक्रांति हिंदू धर्म में का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है। लेकिन इस वर्ष सूर्य देव 14 जनवरी को शाम के समय मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। इसलिए, 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनया जाएगा।
इस पर्व को हम उत्तरायण कहते हैं। इसी दिन से अच्छे दिनों की शुरुआत होती है। इस दिन स्नान, दान, ध्यान का विशेष महत्व होता है, साथ ही भगवान सूर्य की उपासना का भी विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से सारे दुखो से छुटकारा मिल जाता है, तथा व्यक्ति का समाज में मान सम्मान बढ़ता है। इसके अतिरिक्‍त भगवान सूर्य को प्रतिदिन अरुणोदय के समय जल देना बहुत ही शुभकारी माना जाता है। सूर्य को जल देने से यश, कीर्ति और समाज में नाम ख्याति प्राप्त होती है, सूर्य की तरह आपका व्यक्तित्व भी तेजमय होता है।

आइए जानते हैं मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा कैसे करें तथा मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त क्या है?

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शुभ मुहूर्त /Shubh Muhurt

मकर संक्रांति का आरंभ 14 जनवरी 2023 की रात्रि के 08 बजकर 42 मिनट पर होगा। इसका पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी की सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा, जो की शाम 05 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
वही महा पुण्यकाल 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
उदयातिथि के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी ।

पूजन विधि और दान/Pujan Vidhi aur Daan

इस दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर एक लोटे में पहले थोड़ा सा गंगाजल लेकर उसमे जाल भरे तथा एक लाल पुष्प, अक्षत (Rice Grain), रोली (Kumkum) और थोड़ा सा गुड (Jaggery) डालकर भगवान सूर्यनारायण को अर्ध दे। अर्ध देते समय सूर्यमंत्र का उच्चारण करें।
सूर्यमंत्र- “ॐभास्कराय नमः”
उपरोक्त मंत्र का सात बार जाप करें। गीता का पाठ करें। भोजन, कम्बल, तिल, घी, गुड़, दाल, चावल, मूंगफली आदि का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करें। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन खिचड़ी बनाएं और भगवान को समरपित करके इसको प्रसाद रूप में ग्रहण करें। मकर संक्रांति के दिन सूर्य के साथ साथ शनिदेव की भी पूजा का भी प्रावधान है, क्योकी सूर्य, शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को वर्तन समेट तिल का दान करने से शनि के दोष से मुक्ति मिलती है।

मकर संक्रांति का महत्व | Makar Sankranti ka Mahatva

हिंदू धर्म में, मकर संक्रांति का त्योहार बहुत ही खास विधि से मनया जाता है। पौष माह में जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करते हैं, तब ये त्योहार मनया जाता है।

इस दिन यदि व्यक्ति पानी में काले तिल और गंगाजल मिलकर स्नान करता है तो उससे सूर्यदेव के साथ-साथ शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर प्रवेश करते हैं।

यादी जातक शनि के उपाय करता है तो उससे शनिदोष से जल्दी मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी से असुरों का नाश कर उन पर विजय प्राप्ति की थी। तभी से भगवान विष्णु की जीत पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।

कुछ लोग इस दिन पतंग उड़ाकर भी इस पर्व को मनाते हैं

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